मां तेरी याद आती है। मां पर कविता
कैसे कहूं की मां की याद नहीं आती । मुझे तो मां की याद हर रोज आती है सुबह उठते हुए, खाना ना खाने पर 10 बार चिल्लाते हए, कुछ गलतीहुई तो वो पिटाई और फिर खुद ही रोना , नींद ना आने पर वो लोरी, सुबह की चाय, कहीं जाना हो तो मुझे परी की तरह सजाते हुए, मेरे हर एक सुख दुख का ख्याल रखते हुए। (कविता) मां तेरी याद आती हैं । थक्कर घर जाओ तो याद उसी की आती है चोट लगे कभी मुझे जो , तो जुबान पर नाम उसी की आती है । डर लगे कभी मुझे तो वह बातें याद आती है । नींद ना आए कभी मुझे तो वो गोद याद आती है। मां तेरी याद आती है। सरस्वती पासवान