बोल हल्के हल्के बोल हल्के हल्के

धागे तोड़ लाओ चांदनी से नूर के
घूँघट ही बना लो रोशनी से नूर के

शर्म आ गई तो आग़ोश में लो
साँसों से उलझी रहें मेरी साँसे

बोल ना हल्के हल्के, बोल ना हल्के हल्के
होंठ से हल्के हल्के, बोल ना हल्के

आ नींद का सौदा करें, इक ख़्वाब दे इक ख़्वाब ले
इक ख़्वाब तो आँखों में है, इक चाँद के तकिए तले
कितने दिनों से ये आसमां भी सोया नहीं है, इसको सुला दे

उम्रे लगीं कहते हुए, दो लफ़्ज़ थे इक बात थी
वो इक दिन सौ साल का, सौ साल की वो रात थी
कैसा लगे जो चुप चाप दोनों
हो पल पल में पूरी सदियाँ बिता दे

गीतकार : गुलज़ार, गायक : राहत फ़तेह अली खान - महालक्ष्मी अय्यर, संगीतकार : शंकर-एहसान-लॉय, चित्रपट : झूम बराबर झूम

Popular posts from this blog

मां तेरी याद आती है। मां पर कविता

मोटू पतलू कौन है ? Who is Motu Patlu?

भगवान शिव के 19 अवतार। भगवान शिव के 19 अवतार कौन-कौन सेहैं। भगवान शिव के रूप।